हिमाचल में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे है, लोग हाई कमान समेत आम जनता को झूठे आंकड़े पेश कर गुमराह करने में लग गए है। इस तरह के कई षड्यंत्र निकल कर सामने आने लगे है। कई टिकटों के दावेदार जिन्होंने पिछले पांच सालों में जनता के लिए कोई काम नहीं किया। वह आज अपनी जाति की अधिक वोटिंग दिखाकर हाई कमान को डराने में लगे हुए है ताकि उनको टिकट मिले और उनकी जाति का वर्चस्व राजनीति में बना रहे। ऐसा ही मामला नाचन विधानसभा क्षेत्र में निकल कर सामने आया है।
नाचन विधानसभा क्षेत्र में एक टिकट के दावेदार का एक पत्र वायरल हो रहा है। जिसके अनुसार नाचन में एक उम्मीदवार अपनी जाति की अधिक वोटिंग दिखाकर कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बना रहा है कि उसको टिकट मिले और वह विधायक बन सके। जबकि इस पत्र में जो भी ब्यौरा दिया गया वह एकदम झूठा और बेबुनियाद है।
इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पत्र के अनुसार नाचन में कोली जाति के 22000 वोट है। जबकि 2017 में नाचन विधानसभा में कोली जाति की महज 9500 पोलिंग हुई थी। यह डाटा पंचायत में हुई वोटिंग के आधार पर है। जानकारी के मुताबिक पिछले चुनावों में भाजपा विधायक को कोली जाति की 6500 वोटिंग हुई थी और कांग्रेस के उम्मीदवार को महज 3000 वोट मिले थे।
आपको बता दें कि नाचन में कोई जाति दो भागों में बंटी हुई है। एक जाति खुद को बशेहड़ू राजपूत कहती है और दूसरी जाति को कोली कहा जाता है। बशेहड़ू राजपूत समुदाय ने हाई कोर्ट में केस भी लगा रखा है कि उनको राजपूत घोषित किया जाए।
अगर दोनों जाति को अलग अलग माना जाए तो बशेहड़ू राजपूतों के वोट 4000 और कोली जाति के वोट 8200 के आए पास बनते है। जहां साफ दिखता है कि यह वोट भी एक साथ नही है। आपको यह भी बता दें कि यह दोनों जाति आपस में छुआछूत और भेदभाव करती है। यह आपस में शादी-ब्याह तक नही करते और खाना पीना तक अलग अलग होता है।
नाचन विधानसभा क्षेत्र में पिछले 45 सालों से एक ही जाति का विधायक बनता आ रहा है फिर चाहे वह कांग्रेस हो या भाजपा। दिले राम और टेक चंद्र डोगरा चार चार बार विधायक रहे लेकिन शायद बहुत कम लोग ऐसे हैं जो जानते हैं की दिले राम टेक चंद डोगरा एक ही जाति से संबंध रखते हैं और दोनों आपस में रिश्तेदार है।
आपको जानकर हैरानी होगी की टेक चंद डोगरा कांग्रेस के जहां टाइम के विधायक हैं और दिले राम भी भाजपा से चार बार विधायक रहे हैं। नाचन में कभी किसी दूसरी जाति को भाजपा ने कभी मौका नहीं दिया। कांग्रेस से एक बार मौका दिया था, लेकिन कांग्रेस का समर्थन टेक चंद डोगरा के साथ होने के कारण टेक चंद डोगरा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे।
टिकट के दावेदार द्वारा भेजे गए पत्र के वायरल होते ही नाचन में जातीय समीकरणों पर चर्चा शुरू हो गई है। हमारी टीम ने कई लोगों को कॉल करके उनके विचार जाने, नाचन की जनता में से ब्राह्मण, राजपूत, अनुसूचित जाति की दूसरी जातियों ने कोली जाति का विरोध करना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि जब कोली जाति से ही विधायक बनाना है तो विनोद कुमार में क्या कमी है। बहुत से लोगों ने कहा कि अगर जाति देख कर टिकट दिया जाता है तो हम विनोद कुमार के साथ जायेंगे। जिससे साफ जाहिर होता है कि ऐसे में कांग्रेस को नाचन पर जीत दर्ज करना मुश्किल ही नही नामुमकिन हो जाता है।
इस बारे जब पत्र को वायरल करने वाले राइट फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि नाचन में जातीय समीकरण पर टिकट देना और कांग्रेस हाई कमान को जाति आधारित झूठे आंकड़े भेजना निंदनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि जिस किसी ने यह कार्य किया है वह इंसान कहलाने के योग्य नही है। आज हम 21वीं सदी में जी रहे है, आज जाति छोड़ कर सभी के लिए कार्य करना नेता का पहला कर्तव्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह खुद 2007 से जन कल्याण के लिए समाजसेवी के रूप में काम कर रहे है और उन्होंने आज तक किसी व्यक्ति से उसकी जाति, धर्म या राजनीतिक पार्टी देख कर भेदभाव नही किया।
उन्होंने सभी लोगों के कार्य किए है और नाचन के हर कोने में उनके फैन है। जो उनके लिए कुछ भी कर सकते है। उन्होंने कहा कि उनके घर में आज भी जब नेता या अधिकारी शिकायतें नही सुनते तो लोग समस्याएं लेकर पहुंचते है और वह उनकी समस्याओं का निदान करते है। उन्होंने बताया कि उन्होंने भी कांग्रेस के टिकट के लिए आवेदन कर रखा है। उन्होंने कहा कि जो हाई कमान का आदेश होगा वह उनके लिए मान्य होगा।
आपको बता दें कि सुरेश कुमार पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध पर्सनालिटी है। लोग उनकी साफ और न्यायप्रिय छवि देख कर उनका सम्मान और आदर करते है। उनकी प्रदेश भर में 63000 से ज्यादा की फैन फॉलोइंग है। उनके साथ जुड़े लोग प्रदेश के कोने कोने में है। यह बात तय है कि अगर सुरेश कुमार को टिकट मिलता है तो वह कांग्रेस को नाचन में ही नही बल्कि प्रदेश भर में सपोर्ट कर सकते है। अब देखन यह होगा कि नाचन में कांग्रेस किस को टिकट देती है और क्या समीकरण बनते है।