मनाली: कनिष्ठ अभियंता की शिकायत पर ग्रामीणों पर दर्ज हुआ केस

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हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के सोलंग में लोनिवि के अधिकारियों का करीब तीन घंटे तक झूला पुल पर लटके रहने और दुर्व्यवहार करने के मामले ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज हो गया है। 

पुलिस ने कनिष्ठ अभियंता की शिकायत के पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर आगामी छानबीन शुरू कर दी है। उधर, दूसरी ओर ग्रामीणों ने पहले ही दोनों अधिकारियों के खिलाफ उपमंडलाधिकारी मनाली को शिकायत पत्र देकर झूले की रस्सी बीच नदी में जाकर निकालने के आरोप लगाए थे।

15 अगस्त को सोलंग गांव को जोड़ने के लिए बनी अस्थाई पुलिया बाढ़ के पानी में टूट कर बह गई थी। इस दौरान पुलिया को पार कर रहे दो किशोरों की भी बहने के कारण मौत हो गई। मंगलवार को अस्थाई पुलिया के निर्माण का जायजा लेने के लिए लोनिवि के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। 

जिसकी लोनिवि के कनिष्ठ अभियंता ने पुलिस थाना मनाली में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस उप अधीक्षक मनाली हेमराज वर्मा ने बताया कि कनिष्ठ अभियंता की शिकायत के बाद पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है। 

ग्रामीणों का आरोप: अधिकारियों ने काटी झूले की रस्सी

ग्रामीणों का आरोप है कि निरीक्षण के लिए आए अधिकारियों ने झूला पार करते समय स्वयं ही झूले की रस्सी को काट दिया। जिससे ग्रामीणों को नदी के आर-पार होने में दिक्कतें हो रही थी। मंगलवार को मौके पर ही ग्रामीणों ने एसडीएम को इसका शिकायत पत्र भी सौंपा है। उपमंडलाधिकारी मनाली डॉ. सुरेंद्र ठाकुर ने शिकायत पत्र मिलने की पुष्टि की है।

ठेकेदार की लापरवाही से हुई  पुल निर्माण में देरी: गोविंद

 सोलंग गांव में पुलिया बहने से दो किशोरों की मौत के बाद लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का करीब तीन घंटे तक झूले पर लटके रहने का मामला तूल पकड़ गया है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि खेद की बात है कि कांग्रेस पार्टी के लोग और नेता दुख की इस घड़ी में भी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। ऐसी घटना को सनसनीखेज बनाना गलत है। 

ठाकुर ने कहा कि सोलंग गांव को सड़क से जोड़ने के लिए वर्ष 2010 में उन्होंने यहां पर नया पुल बनाने के लिए विधायक प्राथमिकता में योजना डाली थी। वर्ष 2014 में इस पुल को बनाने की स्वीकृति मिली और वर्ष 2016 में इसका निर्माण कार्य आरंभ हुआ। पर्याप्त धन के बावजूद ठेकेदार ने पुल निर्माण में लापरवाही बरती। ठेकेदार समय पर इस पुल का कार्य पूरा नहीं कर पा रहा। लोक निर्माण विभाग ने इस पर ठोस कार्रवाई भी की है। ठेकेदार को 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। 

एक माह में मोटर योग्य बैली ब्रिज बनाने के निर्देश
मंत्री ने कहा कि जयराम सरकार के कार्यकाल के दौरान एक साथ नौ पुलों के निर्माण कार्य शुरू हुए। इनमें आठ पुल वामतट मार्ग पर और एक पुल का कार्य सोलंगनाला में शुरू किया गया। इनमें से छह पुल बनकर तैयार हो गए हैं। सोलंगनाला, छाकी और जगतसुख में बन रहे पुलों का कार्य अभी पूरा नहीं हुआ। 

इन पुलों के कार्य में देरी करना ठेकेदार की लापरवाही को दर्शाता है। विभाग ने ठेकेदार को कई बार नोटिस भी जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को सोलंग नाला के निर्माणाधीन पुल का कार्य शीघ्र शुरू करने के साथ ही एक महीने के अंदर मोटर योग्य बैली ब्रिज बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

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