हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के वरिष्ठ प्रवक्ता संदीप सांख्यान ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा है कि पशुओं में रही लंपी बीमारी धीरे -धीरे पांव पसार रही है। यह बीमारी पहले मध्यप्रदेश, राजस्थान में फिर पंजाब में अब हिमाचल प्रदेश में भी फैल रही है। बिलासपुर- हमीरपुर और जिला ऊना में भी इसके मामले पशुपालन विभाग के ध्यान में आए है। जबकि वर्तमान प्रदेश सरकार ने इस बीमारी की आहट को जानते हुए कुछ भी संभव कदम तक नहीं उठा रही है। जिसके कारण पूरे प्रदेश में मवेशी पालक और किसान व बागवान परेशान है।
देश मे जिस तरह से कोरोना वायरस इंसानों पर कहर बरपाया था। ठीक उसी तरह इन दिनों लंपी वायरस पशुओं पर कहर बरपा रहा है। वर्तमान आंकड़ों की बात करे तो लंपी वायरस से मध्यप्रदेश व राजस्थान में अब तक एक लाख बीस हज़ार से ज्यादा पशु संक्रमित हैं और इनमें 5,807 जानवरों की मौत भी हो चुकी है।
यही हाल पंजाब प्रदेश में भी है। लंपी वायरस से सर्वाधिक 90 फीसदी तक गाय ही संक्रमित हो रही है और गायों की ही सर्वाधिक मौत हुई है। बिलासपुर- हमीरपुर और ऊना जिलों में भी इस तरह के मामले आए है, जिसके कारण मवेशी पालक परेशान है और ऊपर से विभाग इस बीमारी से लड़ने के लिए जो पैसे मवेशी पालकों से वसूल रहा है वह गलत है।
जिला बिलासपुर में आए इस तरह में मामले में विभाग तीन सौ से पांच सौ रुपये वसूल रहा है जो कि गलत है। हिमाचल प्रदेश में अभी तक विभाग और पशु पालन विभाग के मंत्री इस बारे में चुप्पी साधे बैठे है और आने वाले विधानसभा चुनावों के अपनी अपनी कैसलिंग में जुटे हुए हैं, जबकि पशु पालकों के मन मे पशुओं को लेकर लंपी वायरस से भय का मौहाल बना हुआ है।
प्रदेश के पशुपालन विभाग के अधिकारियों को समझना होगा कि लंपी वायरस कैप्रिपॉक्स फैमिली का वायरस। गोट पॉक्स और शिप पॉक्स की तरह ही कैटल (पशु) में यह लंपी स्किन डिज़ीज़ के नाम से बीमारी फैला रहा है। जिसके कारण पशुओं के शरीर पर फोड़े-फोड़े हो जाते हैं और बुखार इतना तीव्र होता है कि गायों की जान तक जा सकती है।
प्रदेश की भाजपा सरकार को अपने चुनावी प्रोपोगेंडा से बाहर आकर मवेशियों में फैल रही लंपी वायरस से निपटने के लिए पशुपालकों के लिए पशुओं का फ्री चेक अप और मुफ्त टीकाकरण की व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।