कंपनी के अधिकारियों के अनुसार इस पुल को आवाजाही के लिए 15 अगस्त तक तैयार कर लिया जाएगा। पुल बनने से ऋषिकेश, बडोली देवी, थुराण, औहर और ज्योरीपत्तन समेत करीब 17 पंचायतों के लोग लाभान्वित होंगे।
यह आबादी अब सीधे बिलासपुर शहर से जुड़ेगी। इससे पहले इन लोगों को बिलासपुर आने के लिए 30 से 50 किलोमीटर सफर करना पड़ता था। जब पुल से आवाजाही शुरू हो जाएगी तो यह सफर आधे से भी कम रह जाएगा। यह पुल चंडीगढ़-मनाली एनएच, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान कोठीपुरा को फोरलेन से जोड़ेगा। कैंचीमोड़ से सुदंरनगर के भवाणा तक गावर कंपनी छोटे-बड़े करीब 22 पुलों का निर्माण कर रही है।
इनमें करीब आठ पुलों के निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। दो छोटे और 10 बड़े पुलों का कार्य अभी जारी है। गावर कंपनी के महाप्रबंधक कर्नल बीएस चौहान ने बताया कि मंडी भराड़ी पुल के दोनों छोर को मिलाने का कार्य पूरा हो चुका है। इस पुल को पूरी तरह तैयार करने में करीब डेढ़ माह का समय लगेगा। 15 अगस्त तक इसे तैयार कर लिया जाएगा। कहा कि अन्य पुलों और टनलों का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।