इनका कहना है कि देश के किसी भी राज्य में पांच रुपये न्यूनतम बस किराया नहीं है। महिलाओं को सरकारी बसों में किराये में 50 फीसदी देने छूट के बाद अब यूनियन इस मामले में भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। अधिसूचना का इंतजार हो रहा है। अन्य राज्यों में न्यूनतम किराया 10 रुपये है। हिमाचल में सबसे कम सात रुपये लिए जा रहे हैं।
इधर, परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि निजी बस ऑपरेटर न्यूनतम किराया पांच रुपये लेते हैं या नहीं, फिलहाल यह फैसला उन पर छोड़ा है। परिवहन मंत्री ने कहा कि कोरोना के चलते परिवहन निगम करोड़ों के घाटे में था। डीजल के दाम भी बढ़े थे। ऐसे में न्यूनतम किराये मेें बढ़ोतरी करनी पड़ी।
अब व्यवस्था पटरी पर आ रही है तो लोगों के लिए न्यूनतम किराया पांच रुपये किया गया है। निजी बस ऑपरेटर यूनियन के महासचिव रमेश कवल ने बताया कि यूनियन सरकार की अधिसूचना का इंतजार कर रही है। इस फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में न्यूनतम किराया पांच रुपये ही लागू होगा। सरकार निगम के लिए ही इसकी जल्द अधिसूचना जारी करेगी।
- आरडी नजीम, प्रधान सचिव परिवहन
- आरडी नजीम, प्रधान सचिव परिवहन