नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने चुनाव कानूनों में संशोधनों को अधिसूचित करने के साथ, अन्य बातों के अलावा, पहली बार के मतदाताओं को एक वर्ष में 4 कट-ऑफ तारीखों के आधार पर मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाने की सहूलियत मिल गई है.
ये कट ऑफ डेट हैं, 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर. द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग ने बुधवार को योग्यता तिथि के रूप में 01.10.2022 के संदर्भ में हिमाचल प्रदेश, गुजरात और जम्मू और कश्मीर के लिए मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन का आदेश दिया.
चुनाव आयोग का यह कदम इस साल 1 जनवरी से 1 अक्टूबर के बीच 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले युवाओं-युवतियों के साथ अन्य पात्र नागरिकों, जिनका नाम अब तक मतदाता सूची में दर्ज नहीं है, सरकारी सेवा से जुड़े मतदाताओं और विदेशों में भारतीय मिशन के कर्मचारियों को एक अवसर प्रदान करने के लिए है, कि वे अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करा सकें और उपरोक्त तीनों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें.
निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार कार्यक्रम के अनुसार, गुजरात और हिमाचल प्रदेश के संबंध में मतदाता सूची के अंतिम भागों का मसौदा प्रकाशन 12 अगस्त के लिए निर्धारित है, यह बाद में 1 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के लिए होगा. साथ ही, मतदाता सूची के अंतिम भागों का आखिरी प्रकाशन हिमाचल प्रदेश और गुजरात के लिए 10 अक्टूबर और जम्मू-कश्मीर के लिए 31 अक्टूबर को निर्धारित है. आम तौर पर आयोग चुनाव तारीखों की घोषणा करने से पहले संशोधित मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन होने तक इंतजार करता है.
नवंबर में हो सकता है 3 राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान
निर्वाचन आयोग का यह कदम गुजरात, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में नवंबर में संभावित चुनाव की ओर इशारा करता है. नवंबर में चुनाव गुजरात और हिमाचल के लिए तो उपयुक्त है, जहां वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल जनवरी-फरवरी 2023 में समाप्त हो रहा है.
लेकिन, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए यह समय उपयुक्त मालूम नहीं पड़ता, क्योंकि आमतौर पर नवंबर के दूसरे पखवाड़े में इस केंद्र शासित प्रदेश का अधिकांश हिस्सा बर्फबारी की चपेट में होता है. इस तरह के मौसम में मतदाताओं के लिए बूथ तक पहुंचना कतई आसान नहीं रहेगा.
बुधवार को गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, महानिदेशालय सीमा सड़क, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने नोट किया है, ‘प्रशासनिक कारणों से पिछले 3 वर्षों के दौरान जम्मू-कश्मीर के लिए मतदाता सूची को संशोधित नहीं किया जा सका है.
इसलिए आयोग अब मतदाता सूची में संशोधन की कवायद शुरू कर रहा है, और इसके लिए 01.10.2022 को अर्हक तिथि निर्धारित किया गया है, ‘ताकि सभी नए पात्र मतदाता बिना किसी देरी के अपना नामांकन मतदाता सूची में करा सकें.’
निर्वाचन आयोग की ओर से गृह मंत्रालय को लिखे इस पत्र में कहा गया है कि सरकारी सेवा में लगे कर्मियों को भी 3 चुनावी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश की मतदाता सूची में नामांकन का अवसर दिया गया है.
सेवा कर्मियों को यह विकल्प दिया गया है कि वे या तो अपनी पोस्टिंग के वास्तविक स्थान (फॉरवर्ड स्टेशनों के अलावा) और निवास पर खुद को सर्विस वोटर के रूप में रजिस्टर कराएं या सामान्य मतदाता के रूप में अपने मूल निवास स्थान पर पंजीकृत करवाएं. नवीनतम मतदाता सूची संशोधन के दौरान, नए मतदाताओं को अपना आधार नंबर दर्ज करने के लिए भी कहा जाएगा, हालांकि यह पूरी तरह स्वैच्छिक होगा.