Agnipath Protest: एक सामान्य कोच जलता है तो रेलवे को होता है एक करोड़ का नुकसान, पूरी ट्रेन जलने पर खाक होते है इतने करोड़

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अग्निपथ स्कीम को लेकर विरोध हर बीतते दिन के साथ उग्र होता जा रहा है। इस आंदोलन की आग उत्तर प्रदेश-बिहार के साथ कई और राज्यों में फैलती जा रही है। कई जगह आगजनी हुई है। ट्रेनों को जलाने के साथ साथ रेल और सड़क मार्ग को बाधित किया जा रहा है। 

ट्रेनों में आगजनी की घटना के बाद रेल मंत्रालय ने प्रदर्शनकारियों से शांति बरतने रेलवे की संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की है। रेल मंत्रालय के अनुसार, रेलवे के 24 अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन चल रहा है। साथ ही 340 ट्रेनें प्रभावित हुई है। इस हिंसक आंदोलन के कारण रेलवे को बीते दो दिनों में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।

रेलवे मंत्रायल से जुड़े सूत्रों के अनुसार, ट्रेन के दो हिस्से होते हैं इसमें पहला हिस्सा इंजन और दूसरा कोच होता है। इंजन ट्रेन का सबसे महंगा हिस्सा होता है। ट्रेन का इंजन बनाने में करीब 20 करोड़ रुपये का खर्च आता है। एक डुअल मोड लोकोमोटिव की कीमत करीब 18 करोड़ रुपये होती है जबकि 4500 हॉर्स पावर के डीजल लोकोमोटिव की कीमत करीब 13 करोड़ रुपये बैठती है। इंजन की कीमत उसकी क्षमता पर निर्भर करती है।

वहीं, जहां तक कोच की बात है तो यह यात्रियों की सुविधा के अनुसार अलग-अलग तरह के होते हैं। इन सुविधाओं के मुताबिक इनकी कीमत होती है। ट्रेन में स्लीपर, एसी और जनरल अलग-अलग कोच होते हैं। एक एसी कोच को बनाने की लागत करीब दो करोड़ रुपये से अधिक होती है। वहीं, स्लीपर कोच बनाने की कीमत 1.25 करोड़ रुपये बैठती है। जबकि जनरल कोच बनाने का खर्च करीब एक करोड़ रुपए तक आता है।

जानकारी के अनुसार, एक एक्सप्रेस ट्रेन में करीब 22 से 24 डिब्बे होते हैं। इस लिहाज से 24 डिब्बों की कीमत दो करोड़ रुपये प्रति कोच के हिसाब से 48 करोड़ रुपए बैठेंगी। अगर इसमें इंजन की कीमत भी जोड़ दी जाए तो एक पूरी ट्रेन करीब 68 करोड़ रुपये होती है। इसी तरह सामान्य से एक्सप्रेस ट्रेन बनाने का खर्च 50 करोड़ रुपये से 100 करोड़ रुपये के बीच आती है। 

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