Google Banned App: डेटा चोरी के एक मामले में कम से कम 15,000 एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं की एंटी-वायरस ऐप के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी लूट ली जाती है। ऐसे मोबाइल ऐप के खिलाफ गूगल समय समय पर सख्त कार्रवाई करता है। हाल ही में गूगल ने एक फेमस मुस्लिम ऐप को नियमों का उल्लंघन करने के आरोपों में बैन कर दिया गया है। इसके साथ गूगल ने अपने प्ले स्टोर से करीब 12 से अधिक ऐप को भी हटा दिया है। इन ऐप्स में बारकोड स्कैनर और टाइम बताने वाले ऐप भी शामिल हैं।
गूगल के मुताबिक ये मोबाइल ऐप यूजर्स के फोन से डाटा चुरा रहे थे, जिस मुस्लिम प्रार्थना ऐप को प्ले स्टोर से हटाया गया है, उसे 1 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया था। गूगल ने पाया कि इनमें एक कोड का इस्तेमाल किया जाता था, जो गुप्त रूप से यूजर्स का डाटा चुरा रहा था।
वायरल हुई थी ऐप्स की लिस्ट
इन ऐप्स के डाटा चुराने के मामले का खुलासा तब हुआ, जब एक स्टार्टअप AppCensus ने ऐसे ऐप्स की लिस्ट को इंटरनेट पर शेयर कर कर दिया, जो मोबाइल से डाटा चुरा लेते थे और यूजर्स को इसकी खबर भी नहीं होती थी। AppCensus को कुछ शोधकर्ताओं ने स्थापित किया है।
AppCensus एक ऐसा संगठन है, जो मूल रूप से यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए मोबाइल ऐप का ऑडिट करता है। उन्होंने अपने ऑडिट में ऐसे ऐप्स की सूची तैयार की, जो फोन के डाटा को हैक कर रहे थे, उस लिस्ट को बाद में ब्लॉग में पोस्ट कर दिया गया था। बैन ऐप्स में एक कोड का इस्तेमाल किया जाता था। इस गुप्त कोड को अमेरिकी रक्षा क्षेत्र से जुड़ी एक कांट्रैक्ट कंपनी द्वारा तैयार किया गया था। यह कोड लोगों के कम्प्यूटर, मोबाइल फोन, टैब इत्यादि से पर्सनल डेटा, फोन नंबर आदि चुरा रहा था।
ऐप को पालन करना होंगे गूगल के नियम
मोबाइल डा़टा चोरी के मामले में गूगल का कहना है कि प्ले स्टोर पर सभी ऐप्स को हमारी नीतियों का पालन करना होगा। जब कोई ऐप इन नीतियों के मुताबिक नहीं चलते हैं तो हम उन ऐप्स पर उचित कार्रवाई करते हैं। वहीं शोधकर्ताओं ने कहा है कि फर्जी ऐप्स के पीछे पनामा में रजिस्टर्ड मेजरमेंट सिस्टम्स नाम की कंपनी हो सकती है, जो ऐसे फर्जी ऐप्स बनाकर मोबाइल डाटा हैक करती है।