Mutual Funds: रिटायरमेंट बाजार कीMutual Funds: बाजार की उतार-चढ़ाव के चलते मार्केट में सीधे निवेश से घबराने वाले निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश बेहतरीन विकल्प है. इसके जरिए निवेश से बुढ़ापे में आर्थिक सहारे का मजबूत इंतजाम किया जा सकता है. रिटायरमेंट के बाद पैसों की किल्लत न हो, इसके लिए अभी से प्लानिंग करना बेहतर है. निवेश बाजार में ढेर सारे सिक्योरिटी इंस्ट्रूमेंट्स उपलब्ध हैं और हर इंस्ट्रूमेंट्स की अपनी-अपनी खासियतें हैं. बाजार में विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) उपलब्ध हैं जिन्हें अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर रिटायरमेंट के बाद बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं. यहां नीचे ऐसे ही खास म्यूचुअल फंड्स की जानकारी दी जा रही है जो रिटायरमेंट प्लानिंग को बेहतर कर सकते हैं.
Index Funds
इंडेक्स फंड्स ऐसे म्यूचुअल फंड्स हैं जो इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. इनका लक्ष्य इंडेक्स की चाल के मुताबिक ही रिटर्न प्रदान करना है. इसमें निवेशकों के पैसों को सिक्योरिटीज में उसी अनुपात में लगाया जाता है, जिस अनुपात में ट्रैक होने वाले इंडेक्स में शामिल हैं. इस वजह से इनमें लगाया गया पैसा इंडेक्स के रिटर्न के लगभग बराबर होता है. इनमें पैसे लगाने का फायदा यह होता है कि इन फंडों को पैसिव तरीके से मैनेज किया जाता है यानी कि इसमें फंड मैनेजर को सक्रिय रूप से यह तय नहीं करना होता है कि किस स्टॉक को खरीदना-बेचना है. इसके चलते इसमें निवेश पर कम एक्सपेंस रेशियो का फायदा मिलता है.
Large-Cap
लार्ज-कैप फंड्स का पैसाल सिर्फ बड़ी और ब्लू-चिप कंपनियों में लगाया जाता है. इन कंपनियों का पहले से ही रिकॉर्ड अच्छा होता है. बड़े कैपिटल बेस और कारोबार के चलते वोलेटाइल मार्केट में इनका प्रदर्शन लगभग स्थाई रहता है. यह ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है जो निवेश को लेकर कम रिस्क उठा सकते हैं.
ELSS
इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) टैक्स बचाने वाले म्यूचुअल फंड्स है. इसमें लगाए गए पैसे पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स बेनेफिट हासिल कर सकते हैं. इस फंड का 65 फीसदी हिस्सा इक्विटी या इससे जुड़ी सिक्योरिटीज में लगाया जाता है. इस प्रकार यह विकल्प बेहतर रिटर्न के साथ टैक्स बेनेफिट भी मुहैया कराता है. इसमें तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है.
Equity-Oriented Hybrid Funds
इस फंड का 65 फीसदी पैसा इक्विटी में और शेष डेट सिक्योरिटीज में लगाया जाता है. पोर्टफोलियो का डेट हिस्सा रिस्क को बैलेंस करता है. इस फंड में लगाए गए पैसों पर मॉडेरेट रिटर्न मिलता है और ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर है जो अधिक रिस्क नहीं उठा सकते हैं.
Multicap/Flexicap
मल्टीकैप फंड्स का 25 फीसदी पैसा स्माल, मिड और लार्ज कैप फंड्स में लगाया जाता है. फ्लेक्सीकैप फंड्स का 65 फीसदी हिस्सा इक्विटी और इससे जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में लगाया जाता है और इसमें छोटे, मिड व लार्ज कैप फंड्स में पैसे लगाने की कोई सीमा नहीं है. फ्लेक्सीकैप फंड में लार्जकैप फंड्स का हिस्सा अधिक है तो स्टेबल ग्रोथ रहेगी और स्माल-कैप, मिड-कैप सिक्योरिटीज रिटर्न को बढ़ाने में मदद करते हैं. जो निवेशक शानदार रिटर्न हासिल करने के लिए अधिक रिस्क उठा सकते हैं, वे इन फंड्स में निवेश का फैसला ले सकते हैं.
(इनपुट: क्लियरटैक्स)
(डिस्क्लेमर: यह लेख महज जानकारी के लिए है. बाजार से जुड़ी सिक्योरिटीज में निवेश जोखिम भरा है. ऐसे में निवेश से जुड़ा फैसला लेने से पहले अपने सलाहकार से जरूर संपर्क कर लें.)