Himachal Schools : 26 जनवरी के बाद भी हिमाचल में स्कूल खुलने के आसार कम : Read More

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हिमाचल प्रदेश में ग्रीष्मकालीन स्कूलों के 26 जनवरी के बाद भी खुलने के आसार कम हैं। कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर शिक्षा विभाग छुट्टियां बढ़ाने का प्रस्ताव बनाने में जुट गया है। 26 जनवरी के बाद दो सप्ताह और शिक्षण संस्थान बंद करने की तैयारी है। इसी सप्ताह के अंत तक इस बाबत फैसला होने की संभावना है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने दो विकल्पों का प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा है। 26 जनवरी के बाद पहले विकल्प के तहत सभी ग्रीष्मकालीन स्कूलों को छह फरवरी तक बंद रखने की सिफारिश की गई है।

दूसरे विकल्प के तहत 27 जनवरी से नवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्कूलों में नियमित कक्षाओं के लिए बुलाने का प्रस्ताव है। पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं लगाने का विकल्प दिया गया है। अब आने वाले दिनों में स्वास्थ्य विभाग से चर्चा करने के बाद राज्य आपदा प्रबंधन इस संदर्भ में फैसला लेगा। शीतकालीन स्कूलों में अभी सर्दियों की छुट्टियां दी गई हैं। उधर, कॉलेजों में भी पांच फरवरी तक छुट्टियां दी गई हैं। ऐसे में ग्रीष्मकालीन स्कूलों को भी अभी बंद ही रखने का फैसला हो सकता है।

कोरोना पॉजिटिविटी दर बढ़ी

वहीं, हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की मौत का आंकड़ा 3880 पहुंच गया है। जबकि सक्रिय मरीजों का आंकड़ा 12850 के पार है।  राज्य का पॉजिटिविटी दर भी लगातार बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक शिमला में संक्रमण दर 25 फीसदी से ऊपर चली गई है। यानी कि टेस्ट करवाने वाले 100 लोगों में से 25 की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। इसी तरह सोलन में  संक्रमण दर 20 फीसदी से ऊपर चल रही है। वर्तमान में यही स्थिति हिमाचल की चल रही है। राज्य में 10 से 16 जनवरी तक कोरोना संक्रमण की जांच के लिए 80 हजार 227 लोगों के सैंपल लिए गए।

इनमें 11 हजार 280 लोग संक्रमित पाए गए। यानी, संक्रमण दर 14.1 फीसदी बनी हुई है। यह बहुत ज्यादा है। यह संक्रमण दर 16 दिन के भीतर बनी है। इस हिसाब से अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य में संक्रमण तेजी से फैला है। पिछले सप्ताह 9 लोगों ने संक्रमण से दम भी तोड़ा है। कांगड़ा और शिमला में ही सबसे ज्यादा लोगों की मौतें हुई हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए इस समय हमीरपुर, शिमला, सोलन, सिरमौर, ऊना, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी जिले चिंता का कारण बने हुए हैं।

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